Wednesday, March 25, 2020




सरदार केबारह बज गएमुहावरे के पीछे का सच



एक सरदार पर जोक बनाना औए सुनाना कितना आसान होता है सर में पंगडी और बगल में कृपाण रखने वाले सरदार भी अक्सर आपके जोक्स और मजाक को भी नजरअंदाज करते हुए खुश रहते हैं.फिर भी आप उनसे बगैर पूँछेसरदार जी के बारह बज गएकहते हुए मजे लेते रहते हैं ज्यादातर लोगों को लगता है की सरदार के चिल्ड नेचर और भाव-भंगिमाओं के कारण ही इस फ्रेज का लोग इस्तेमाल करते हैं आज हम आपको बताते हैं की इस जुमले की पीछे की हकीकत क्या है, और निश्चित ही इसे पढ़कर इसका प्रयोग करने वालों को शर्मिंदगी जरूर महसूस होगी आप ये समझ पायेंगे कि एक सरदार क्या होता है?

1) सत्रहवीं शताब्दी में जब देश में मुगलों का अत्याचार चरम पर था, बहुसंख्यक हिन्दुओं को धर्म-परिवर्तन के लिए अमानवीय यातनाएं दी जाती थीं, औरंगजेब के काल में ये स्थिति और बदतर हो गयी
2) मुग़ल सैनिक, धर्मान्तरण के लिए हिन्दू महिलाओं की आबरू को निशाना बनाते थे अंततः दुर्दांत क़त्ल--आम और बलात्कार से परेशान हो कश्मीरी पंडितों ने आनंदपुर में सिखों के नवमे गुरु तेग बहादुर से मदद की गुहार लगाई.
3) गुरु तेग बहादुर ने बादशाहऔरंगजेबके दरबार में अपने आपको प्रस्तुत किया और चुनौती दी कि यदि मुग़ल सैनिक उन्हें स्वयं इस्लाम कबूल करवाने में कामयाब रहे तो अन्य हिन्दू सहर्ष ही इस्लाम अपना लेंगे
4) औरंगजेब बेहद क्रूर था, परन्तु अपनी कौल का पक्का व्यक्ति था, गुरु जी उसके स्वभाव से परिचित थे गुरूजी के प्रस्ताव पर उसने सहर्ष स्वीकृति दे दी गुरु तेग बहादुर और उनके कई शिष्य मरते दम तक अत्याचार सहते हुए शहीद हो गए, पर इस्लाम स्वीकार नहीं किया इस तरह अपने प्राणों की बलि देकर उन्होंने बांकी हिन्दुओं के हिंदुत्व को बचा लिया
5) इसी कारण उन्हेंहिन्द की चादरसे भी जाना जाता है, उनके देहावसान के बाद,उनके सुयोग्य बेटे गुरु गोविन्द सिंह जी ने हिंदुत्व की रक्षा के लिए आर्मी का निर्माण किया, जो कालांतर मेंसिख के नाम से जाने गए
6) 1739 में जब इरानी आक्रांता नादिर शाह ने दिल्ली पर हमला करते हुए, हिन्दुस्तान की बहुमूल्य संपदा को लूटना शुरू कर दिया इन हवसी आक्रमणकारियों ने करीब 2200 भारतीय महिलाओं को बंधक बना लिया.
7) सरदार जस्सा सिंह जो की सिख आर्मी के कमांडर-इन-चीफ थे, ने इन लुटेरों पर हमला करने की योजना बनायी परन्तु उनकी सेना दुश्मन की तुलना में बहुत छोटी थी इसलिए उन्होंने आधी रात को बारह बजे हमला करने का निर्णय लिया
8) महज कुछ सैकड़ों की संख्या में सरदारों ने, कई हजार लुटेरों के दांत खट्टे करते हुए महिलाओं को आजाद करा दिया सरदारों के शौर्य और वीरता से लुटेरों की नींद और चैन हराम हो गया.
9) यह क्रम नादिर शाह के बाद उसके सेनापति अहमद शाह अब्दाली के काल में भी जारी रहा अब्दालियों और ईरानियों ने अब्दाल मार्केट में, हिन्दू औरतों को बेंचना शुरू कर दिया. सिखों ने अपनी मिडनाईट (12 बजे) में ही हमला करने की स्ट्रैटिजी जारी रखी और एक बार फिर दुश्मनों की आँखों में धुल झोंकते हुए महिलाओं को बचा लिया
10) सफलता पूर्वक लड़कियों और औरतों के सम्मान की रक्षा करते हुए, सिखों ने दुश्मनों और लुटेरों से अपनी इज्जत की हिफाजत की रात 12 बजे के समय में हमला करते समय लुटेरे कहते थेसरदारों के बारह बज गएसरदार और सिख राष्ट्र की अमूल्य धरोहर हैं। सरदार के केश और कृपाण उसे अतुलित धैर्य और साहस से परिपूरित करते हैं

सिख एक महान कौम है, जिसने मध्यकाल में गुलामी की काली रात में सनातन और हिन्दुस्तान को स्वयं के प्राणों की बलि देकर बचाए रखा गुरु गोविन्द सिंह जी की प्रसिद्द उक्ति है

सवा लाख से एक लडाऊं, तब मै गुरु गोविंद सिंह कहलाऊं

ऐसी वीरता, साहस और ईमानदारी के पर्याय सरदारों को “12 बज गएकह कर चिढाना / हँसना बेहद शर्मनाक है। उन विदेशी लुटेरों से रक्षित स्त्रियों के वंशजों द्वारालुटेरों की ही टिप्पणीको दोहराना अनजाने में ही सही पर, किसी देशद्रोह से कम नहीं है।

सरदारों के “12 बज गएएक ऐसा मुहावरा है जो की उन लुटेरों केगीदड़पानेऔर हमारी वीरता का पर्याय है, इसे लाफिंग मैटर के रूप में नहीं बल्कि गर्व के रूप में कहिये।

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