Monday, November 18, 2019



People with Kindness, Tenderness and soft spoken only rises in life.

In Hindu Scripture an original chant-which-meek that People with Kindness, Tenderness and soft spoken only rises in life. Humility brings not only your personality development but, many times the reason for success is also created. The respect in lieu of his humility has got its different importance and value. Tenderness of the mind and behaviour is a major strength in humility. Tenderness always stays alive, but the stiffness one day becomes the cause of destruction. The sword cut rigid hard material, but many time is not having power to cut some of the hardest of them. In Mahabharta the Dharmaraj Yudhishtar requested Bhishmapitamah to give some knowledgeable sermon while he was on his death bed. Then the Bhishmapitamah said that when the river reaches the sea it brings large trees with its tremendous flow. One day The Sea asked the River, why do you brings the huge trees with your flow but you don’t bring the creeper and small plants? then River said that whenever water flow increases they are lean and the vines so I give way to let me down. So they are saved. Bhishma said, same way he who keep their life with humbleness, their existence will never end. You must have often seen and must have felt that many are master in their particular job, but lack of humility, and tenderness... in home or Office are always are having some trouble. Humility is not cowardice. This Tenderness Humility Provides power and energy to such person's peace. If we Humans learn to live life in this way all trouble in life will vanish. They don't need any special measures to get rid of, but with a little behavioural change will make it possible. A person with hardened heart has to bow in front of the person with humility. By Placing these small points, we can make your life joyful. Those who are polite Humble they are respected everywhere. God also doesn’t like the ego and the hardness in the behaviour. The God is always for the betterment of the believer and is always moving with him, but requires that some fundamental improvements in life to be successful.

Be kind to everyone and HELP as many as Possible along your Journey...But ONLY KEEP in your Life all that is special, Lovely, Meaningful and Beautiful to your SOUL.

जो नम्र होकर झुकते हैं वही ऊपर उठते है

हमारे धर्म-ग्रंथों का एक मूल मंत्र है- जो नम्र होकर झुकते हैं वही ऊपर उठते हैं। विनम्रता केवल आपके व्यक्तित्व में निखार लाती है, बल्कि कई बार सफलता का कारण भी बनती है। विनम्रता के एवज में जो सम्मान मिलता है उसका एक अलग महत्व है। मन की कोमलता और व्यवहार में विनम्रता एक बड़ी शक्ति है। कोमलता सदा जीवित रहती है, जब कि कठोरता का जल्दी ही विनाश हो जाता है। तलवार कठोर से कठोर पदार्थ को काट देती है, लेकिन कई कठोर पदार्थो को काटने की ताकत उसमें नहीं होती। धर्मराज युधिष्ठिर ने भीष्म पितामह से उनकी मृत्यु शैय्या पर पड़े रहने के दौरान कुछ ज्ञानापयोगी धर्मोपदेश देने का निवेदन किया था। भीष्म पितामह ने कहा था कि नदी समुद्र तक पहुंचती है तो अपने साथ पानी के अतिरिक्त बड़े-बड़े लंबे पेड़ साथ ले आती है। एक दिन समुद्र ने नदी से पूछा कि तुम पेड़ों को तो अपने प्रवाह में ले आती हो, परंतु कोमल बेलों और नाजुक पौधों को क्यों नहीं लाती हो? नदी बोली कि जब-जब पानी का बहाव बढ़ता है तब बेलें झुक जाती हैं और झुककर पानी को रास्ता दे देती हैं। इसलिए वे बच जाती हैं। भीष्म ने कहा कि युधिष्ठिर ठीक वैसे ही जो जीवन में विनम्र रहते हैं उनका अस्तित्व, कभी समाप्त नहीं होता। आप सबने अक्सर देखा होगा और इस बात को महसूस भी किया होगा कि कई लोग अपने विशेष कार्य के माहिर होते हैं, लेकिन विनम्रता के अभाव में घर या कार्यालय में सदैव परेशानी का शिकार होते हैं। विनम्रता कायरता नहीं है। यह व्यक्ति को शांति, शक्ति और ऊर्जा प्रदान करती है। मनुष्य यदि विनम्रता से जीवन जीना सीख ले तो अनेक परेशानियां देखते ही देखते समाप्त हो जाती हैं। इनके लिए किसी विशेष उपाय की आवश्यकता नहीं है, बल्कि थोड़ा सा व्यवहार में बदलाव मात्र लाने से यह संभव हो जाता है। विनम्र व्यक्ति के सामने कठोर हृदय वाले व्यक्ति को भी झुकना ही पड़ता है। छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर हम अपने जीवन को खुशहाल बना सकते हैं। जो विनम्र होते हैं वे हर जगह सम्मान पाते हैं। परमात्मा को भी किसी की अकड़ पसंद नहीं है। वह अपने बच्चे की भलाई के लिए हमेशा खड़ा है, परंतु आवश्यकता है स्वयं में कुछ मूलभूत सुधार लाने की ताकि जीवन सफल हो सके।

हर किसी के लिए दयालु रहो और संभव हो तो अपनी जीवन यात्रा में हर एक के साथ दयालु रहो और सबकी मदद करो। लेकिन केवल अपने जीवन में सभी विशेष, सुंदर, सार्थक और अपनी आत्मा के लिए सुंदर है, का साथ रखो। ।

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