शंख क्यों बजाया जाता है ?
शंख बजाने से ॐ की मूल ध्वनि का उच्चारण होता है । भगवान ने सृष्टि के निर्माण के बाद सबसे पहले ॐ शब्द का ब्रहानाद किया था । भगवान श्री कृष्ण के भी महाभारत में पाञ्चजन्य शंख बजाय था । इसलिए शंख को अच्छाई पर बुरे की विजय का प्रतीक भी माना जाता है । ये मानव जीवन के चार पुरुषार्थ में से एक धर्म का प्रतीक है ।
शंख बजाने का एक कारण ये भी है कि शंख की ध्वनि से जो आवाज़ निकलती है । वो नकारात्मक उर्जा का हनन कर देती है । आस पास का छोटा मोटा शोर जो भक्तो के मन और मस्तिष्क को भटका रहा होता है वो शंख की ध्वनि से दब जाता है और फिर निर्मल मन प्रभु के ध्यान में लग जाता है ।
प्राचीन भारत गाँव में रहता था जहाँ मुख्यत एक बड़ा मन्दिर होता था । आरती के समय शंख की ध्वनि पुरे गाँव में सुनाई दी जाती थी और लोगो को ये संदेश मिल जाता था कि कुछ समय के लिए अपना काम छोड़ कर प्रभु का ध्यान कर ले ।
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