Wednesday, March 20, 2013


भारतीय संस्कृत में सात की संख्या मानव जीवन के लिए बहुत विशिष्ट मानी गयी हैं

1.         वर्ष महीनों के काल खण्डों को सात दिनों के सप्ताह में विभाजित किया गया है।
2.         सूर्य के रथ में सात घोड़े होते हैं।
3.         आकाश में इन्द्रधनुष के समय वे सातों रंग।
4.         सात समुन्दर North Pacific, South Pacific, North Atlantic, South Atlantic, Indian, Arctic and Antarctic Oceans
5.         सप्त ऋषि मरीचि, अंगिरा, अत्रि, पुलह, केतु, पोलस्त्य और वशिष्ठ
6.         संगीत के सात सुर - सा, रे, गा, मा, पा, धा, नि (षड्ज, ऋषभ, गांधार, मध्यम, पंचम, धैवत, तथा निषाद)
7.         सात महाद्वीप - Asia, Africa, North America, South America, Antarctica, Europe and, Australia.
8.         सात तल - अतल, वितल, सुतल, तलातल, महातल, रसातल और पाताल
9.         सात लोक- भू, भुवः, स्वः, जन, तप, और सत्य नाम।

दैनिक जीवन में छोटी से छोटी अनेक ऐसी क्रियाएं हैं जिनमें सात की संख्या का महत्व परिलक्षित होता है

1. प्रातःकाल मंगल दर्शन के लिए सात पदार्थ शुभ माने गए हैं
गोरोचन, चन्दन, स्वर्ण, शंख, मृदंग, दर्पण और मणि - इन सातों या इनमें से किसी एक का दर्शन अवश्य करना चाहिए
2. शौच, दंत धोवन, स्नान, ध्यान, भोजन, भजन और शयन सात क्रियाएं मानव जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। अतः नित्य कर्म के रूप में इन्हें अवश्य करना चाहिए
3. शास्त्रों में माता, पिता, गुरु, ईश्वर, सूर्य, अग्नि और अतिथी -इन सातों का अभिवादन करना अनिवार्य बताया गया है
4. ईर्ष्या, द्वेष, क्रोध, लाभ, मोह, घृणा, और कुविचार ये सात आंतरिक अशुद्धियाँ बतायी गयी हैं अतः इनसे बचने के लिए सदैव सचेष्ट रहना चाहिए
5. क्योंकि इनके रहते बाह्म्शुद्धि, पूजा-पाठ, मंत्र -जप, दान-पुण्य, तीर्थ यात्रा, ध्यान-योग, तथा विद्या-ज्ञान, ये सातों निष्फल ही रहते हैं
6. अतः मानव जीवन में सात सदाचारों का स्थान बहुत महत्वपूर्ण है इसका पालन करने से ये सात विशिष्ट लाभ होते हैं जीवन में सुख, शांति, भय का नाश, विष से रक्षा, ज्ञान, बल, और विवेक की वृद्धि होती है
7. अब तो सुबह को शहरों में टूथ ब्रश और टूथ पेस्ट का प्रचलन हो गया है, किन्तु आयुर्वेद के अनुसार दांतों की सफ़ाई करने के लिए आम, नीम, बेल, बबूल, गूलर, करंज और खैर - इन सात हरे वृक्षों की टहनी से बनी दातौन अच्छी मानी जाती है
8. लासौड़ा, पलाश, कपास, नील, धाव, कुश, और काश - इन सातों से बनी दातौन से दांत साफ़ करना वर्जित कहा गया है

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