Wednesday, January 16, 2013


एक बोध कथा

एक बार जब स्वामी विवेकानंद जी अमेरिका प्रवास पर थे : एक महिला ने उनसे शादी करने की इच्छा जताई। जब स्वामी विवेकानंद ने उस महिला से ये पूछा कि आप ने ऐसा प्रश्न क्यूँ किया ? उस महिला का उत्तर था कि वो उनकी बुद्धि से बहुत मोहित है और उसे एक ऐसे ही बुद्धिमान बच्चे की कामना है।

इसीलिए उसने स्वामी से ये प्रश्न किया क्या वो उससे शादी कर सकते है । और उसे अपने जैसा एक बच्चा दे सकते हैं ?

उन्होंने महिला से कहा कि चूँकि वो सिर्फ उनकी बुद्धि पर मोहित हैं इसलिए कोई समस्या नहीं है। उन्होंने कहा  । मैं आपकी इच्छा को समझता हूँ। पर शादी करना और इस दुनिया में एक बच्चा लाना और  फिर जानना कि वो बुद्धिमान है कि नहीं, इसमें बहुत समय लगेगा, इसके अलावा ऐसा हो इसकी निश्चितता भी नहीं है। इसके बजाय, आपकी इच्छा को तुरंत पूरा करने हेतु मैं आपको एक सुझाव दे सकता हूँ।

आप मुझे अपने बच्चे के रूप में स्वीकार कर लें। इस प्रकार आप मेरी माँ बन जाएँगी और आपकी नज़र में मैं बुद्धिमान तो हूँ ही.. मेरे जैसा बुद्धिमान बच्चा पाने की आपकी इच्छा भी पूर्ण हो जाएगी...

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